Christmas Day kyu manaya jata hai

दोस्तों आज में आप लोगो को बताने वाला हु की Christmas Day क्यों मनाया जाता है बहुत से लोगो को अभी पता नही है तो चलिए आज जानते है 

Christmas ईसाह मसीह के जन्म दिन पर मनाया जाने वाला ईसाई धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है
इसे बडा दिन के भी नाम से जाना जाता है य हर साल 25 दिसम्बर को अधिकांस देशो में मनाया जाता है क्रिसमस शब्द का जन्म  का Chrasmas शब्द से हुआ है और ऐसा माना जाता है कि 336 ईसा पूर्व में रोम में सबसे पहले Christmas मनाया गया था
इस दिन सब लोग एक दूसरे को तोफे देते है और  Party करते है
तो आइए जाने Christmas का इतिहास और इस से जुड़ी कुछ और महत्वपुर्ण जानकारी
1. Christmas का इतिहास (बाइबल) के अनुसार माता मरयम के गर्भ से ईसाई धर्म के ईश्वर ईसा मसीह का जन्म हुआ था ईसा मसीह के जन्म से पूर्व माता मरयम कुवांरी थी उनकी सगाई दाऊद के राजवंसी यूसुफ नामक व्यक्ति से हुआ था एक दिन माता मरयम के पास स्वर्ग दूत आये और उन्होंने कहा कि जल्द ही आपकी एक संतान होगी और उस बजे का नाम जीसस रखना है स्वर्ग दूत ने बताया कि जीसस बड़ा होकर राजा बनेगा तथा उसके राज्य की कोई सीमा नही होगी जो इस संसार को कष्टों से मुक्ति का रास्ता दिखलायेगा माता मरयम ने संकोचवस कहा कि में तो अभी कुवांरी हु ऐसे में य कैसे संभव है देव दूत ने कहा य एक चमत्कार के माध्यम से होगा जल्द ही माता मरयम ओर यूसुफ की साड़ी हुई  शादी के बाद दोनों यहूदियों के प्रांत बेटल हेम नाम के जगह में रहने लगे
यही पर एक रात ईसा मसीह का जन्म हुआ और उसी दिन आकाश में एक तारा बहुत ज्यादा चमक रहा था और इस से लोगो को य अहसास हो गया था कि की रोम के शासन से बचने के लिए उनके मसीहा ने जन्म ले लिया है ईसाह मसीह के जन्म को ही  आज लोग क्रिसमस डे के रूप में मनाते है

1.ईसाह मसीह ने दुनिया को एकता और भाईचारे की शिक्षा दी।
2.उन्होंने लोगो को भगवान के करीब रहने का मार्ग दिखाया ।
3.ईसाह मसीह ने क्षमा करना और क्षमा मांगने पर जोर दिया।
4.उन्होंने अपने हत्यारो को भी माफ किया ।

हालांकि 25 दिसम्बर को क्रिसमस मनाने को लेकर अलग अलग कथाएँ प्रचलित है क्रिसमस से 12 दीन के उत्सव क्रिसमस टेड की भी शुरवात होती है /
इनोडोमिनी काल के प्रणाली के अनुसार ईसूफ़ का जन्म 7 से 2 ईसा पूर्व के बीच मे हुआ था 25 दिसम्बर ईसा मसीह की ज्ञात वास्तविक जन्म तिथि नहीं है
 और लगता है कि इस तिथि को एक रोमन पर्व या मकर संक्रांति से सम्बंध स्थापित करने का आधार पर चुना गया था ईसा धर्म का दावा करने वाले कुछ लोगो ने बाद में जाकर इस दिन को चुना क्योंकि इस दिन रोम के गैर ईसाई धर्म के लोग अजय सूर्य का जन्म दिन मनाते थे और ईसाई चाहते थे कि इसुफ़ का जन्म भी इसी दिन मनाया जाए सर्दियों के मौसम में जब सूरज की गर्मी कम हो जाती है तो गैर ईसाई इस इरादे से पूजा पाठ करते है और रीति रश्म मनाते थे कि सूरज अपनी लंबी यात्रा से लौट आये
और उन्हें गर्मी और रोशनी दे उनकामानना था कि 25 दिसम्बर को सूरज लौटना सुरु करता है शरू में इस बात को लेकर मतभेद भी था कि ईसा का जन्म दिन मनाया जाना चाहिए तब ईसाह के बलिदान ओर पुनरुथान पर ही ईसाई का प्रमुख त्यौहार हुआ करता था
 विश्व मे लगभग 1000 देशों में 25 दिसम्बर को Chrishmat Day मनाया जाता है अनेक देशो में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है इस दिन को Chrishtmas पर्व के रूप में मनाने के लिए काफी समस्याओ से भी झूझना पड़ा था पिछले डेड शताब्दी से ही Chrishtmas Day बिना किसी बाधा के मनाया जा रहा है 

आपका बहुत बहुत धन्यवाद यहाँ तक पढने के लिए 
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