ही मानव के पैरों के निशान मानव के बारे में दुनिया भर में कहानियां की जाती है बहुत से लोग इन्हें देखने का दावा भी करते हैं मगर इन से जुड़ा कोई सबूत नहीं मिला पर आपको जानकारी यह हैरानी होगी ही मानव के पैरों के निशान भारत के अंदर पाए गए सेना के एक पर्वतारोहण दल को हिमालय मैं ही मानव के पैरों के निशान मिले सेना के ट्विटर पर इसकी जानकारी दी गई थी पहली बार इंडियन आर्मी को ही मानव के पैरों के निशान मिले 9 अप्रैल 2019 को भारत की इंडियन आर्मी में सबसे पहले इसकी खोज की उसके बाद इसे ट्यूटर पर डाला।
उत्तर प्रदेश और केरल के दो गांव ने चिकित्सा वैज्ञानिक को हैरत में डाल दिया दुनिया भर के चिकित्सा वैज्ञानिकों ने इनका दौरा कर चुका है पर इसका रहस्य अभी तक नहीं पता चला मजा है इन दोनों गांव की जुड़वा बच्चे पैदा होना। हम बात करें कोडिनी गांव की जिसके अंदर 2000 परिवार है यहां पर जुड़वा बच्चों की संख्या 300 से ज्यादा है इस गांव में जुड़वा बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है इस गांव में सिर्फ जुड़वा ही नहीं बल्कि तीन चार बच्चे साथ में ही पैदा होते हैं जिनसे वैज्ञानिक पूरी तरह से हैरत में पड़ गए । उत्तर प्रदेश और केरल से ज्यादा किसी भी गांव के अंदर ज्यादा जुड़वा बच्चे पैदा नहीं हुए जितने या पर हुए
जून 2006 में गूगल के सेटेलाइट में ली गई फोटो सामने आई लोग चौक गए भारत और चीन की सीमा पर अगस्त 2012 में आईटीबीपी ने इन जीवों को देखने का दावा किया 2004 मैं वैज्ञानिकों ने जंगल के अंदर आदमी की आकृति का 4 फुट लंबा रोबोट देखा पहले धरती पर वितरण किया फिर आसमान में उछल गया सितंबर 2012 में भारतीय सेना ने सीमा पर पंगु झील के ऊपर 160 किलोमीटर लंबी आकार की वस्तु देखी आसमान पर
Krishan's
दुनिया में ऐसे रहस्य जिनको को अभी तक किसी को नहीं पता तमिलनाडु के शहर में महाबलीपुरम मौजूद प्राचीन पत्थर जो किसी आश्चर्य से कम नहीं है कहा जाता है कि यह पत्थर 12 साल पुराना पत्थर है कहा जाता है कि यह पत्थर 20 फुट ऊंचा 15 फुट चौड़ा यह पत्थर एक ढलान पर खड़ा है ना कभी हिलता है देखने पर लगता है कि यह पत्थर कभी भी पड़ सकता है इस पत्थर को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते यह पत्थर देखकर लोग आश्चर्य हो जाते इस पत्थर को पहली बार 1908 में खोजा गया था कहा जाता है कि इसे अंग्रेजों ने हटाने की बहुत कोशिश की 7000 हाथियों के साथ इसे बांधकर खींच लाया गया लेकिन यह पत्र अपनी जगह से हिला ही नहीं इस पत्थर का ऐसे अभी तक नहीं पता चला
Magnetic hill
हिमालय के लद्दाख में आश्चर्यचकित करने वाली पहाड़ी है कहा जाता है कि इस पार्टी में चुंबकीय गुण है यह पार्टी किसी भी गाड़ी को चलती हुई सड़क से अपनी ओर खींच लेती है इसके ऊपर से कभी भी हवाई जहाज नहीं उठती उड़ती है तब भी ज्यादा ऊंची उड़ती है आपको क्या लगता है क्या ऐसा हो सकता है
Iron pillar
कुतुबमीनार परिसर में लोहे से निर्मित होने के बावजूद उसमें आज तक कोई जंग नहीं लगा 16 साल पुराना यह संभव 98% लोहे से बना हुआ है इसके बावजूद चंद्रगुप्त विक्रमादित्य की याद में उनके बेटे कुमारगुप्त ने बनवाया था 413 ईसवी आज से 16 से 4 साल पहले बनवाया था इसकी ऊंचाई 7 पॉइंट 2 मीटर है जमीन के अंदर 3 फुट 8 inch गड़ा हुआ है अभी तक इसके अंदर जंग नहीं लगा आपको क्या लगता है
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